सिवान जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत ललित बस स्टैंड पर सोमवार को दिनदहाड़े हुई गोलीबारी से इलाके में अफरातफरी मच गई। शुरुआती जांच के अनुसार, यह घटना स्मैक तस्करों के आपसी विवाद का नतीजा बताई जा रही है।
हैरानी की बात यह है कि फायरिंग स्थल जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) और एसडीपीओ के सरकारी आवास से महज 10 कदम की दूरी पर है। बावजूद इसके पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया न होने पर स्थानीय लोग हैरान हैं।
दो लोग गंभीर रूप से घायल
गोलीबारी में खुरमाबाद के रहने वाले कुंदन चौहान और डेविल चौधरी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। चश्मदीदों के मुताबिक, एक युवक ने मौके पर पहुंचते ही रिवॉल्वर से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी और फिर फरार हो गया। घायल दोनों युवकों को पहले सिवान सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें पटना रेफर कर दिया गया है।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
घटना के समय एसपी अमितेश कुमार और एसडीपीओ अजय कुमार सिंह अपने-अपने आवास पर मौजूद थे, लेकिन गोली चलने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई तात्कालिक कार्रवाई नहीं की गई।
जब घायलों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने विरोध और हंगामा शुरू किया, तब जाकर नगर थाना की पुलिस हरकत में आई, जिससे प्रशासनिक सुस्ती पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ललित बस स्टैंड बना अपराधियों का अड्डा?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि ललित बस स्टैंड और इसके आसपास के इलाके में लंबे समय से खुलेआम नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। कई बार शिकायतों के बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, और आज की यह फायरिंग उसी लापरवाही का नतीजा मानी जा रही है।