गया के मेयर के जाति मामले को लेकर सिटी डीएसपी ने गुमराह करने वाली दी रिपोर्ट

Patna Desk

 

NEWSPR DESK -गया के मेयर के जाति मामले को लेकर बीते दिन पूर्व विधायक भाजपा नेता व मेयर पद के उम्मीदवार रहे श्यामदेव पासवान ने कई आरोप लगाए थे. कहा था, कि प्रशासनिक जांच में मेयर वीरेंद्र पासवान उर्फ गणेश पासवान के अनुसूचित जाति के होने की बात को खारिज कर दिया गया है. अब इस मामले को लेकर गया के मेयर वीरेंद्र पासवान उर्फ गणेश पासवान और पूर्व डिप्टी मेयर सह पार्षद मोहन श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता की है. प्रेस वार्ता कर मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने बताया कि एसएसपी, डीएम, आईजी और सरकार को जो रिपोर्ट सौंप गई है, वह गुमराह करने वाली है. मेयर की जाति रिपोर्ट को सिटी डीएसपी पारस नाथ साहू के नेतृत्व में तैयार किया गया है, जिसमें बड़ा धोखा किया गया है, जिसे लेकर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. कहा कि दूसरे की संपत्ति, दूसरे का खाता खतियान वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान से जोड़कर गुमराह किया गया है.

2010 में चुनाव हार गई थी भंटा पासवान की बहन –

वीरेंद्र पासवान ने कहा कि वर्ष 2010 में उनके सामने वार्ड पार्षद के चुनाव में भंटा पासवान की बहन थी, जो चुनाव हार गई थी. इस हार के बाद भंटा पासवान ने कई जगह झूठी शिकायत दर्ज कराते रहे. उसके पूर्व पार्षद किशोर पासवान के द्वारा भी मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान के जाति को लेकर सवाल उठाते रहे, जिसकी जांच पूर्व में हो चुकी है. तत्कालीन डीएम जांच में स्पष्ट बताया गया है, कि मेयर बीरेन्द्र कुमार उर्फ गणेश पासवान अनुसूचित जाति के हैं, लेकिन एक बार फिर से इसकी जांच कराई गई है, जिसमें सिटी डीएसपी पारस साहू ने कहा है, कि मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान की जाति को लेकर कंफ्यूजन है. इस तरह की रिपोर्ट एसएसपी, डीएम, आईजी व राज्य सरकार को दी गई है, जो गुमराह करने वाली है.

उच्च न्यायालय में चल रहा है मामला-

मेयर गणेश पासवान और पूर्व डिप्टी मेयर सह पार्षद अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है, लेकिन इसके बीच डीएसपी की रिपोर्ट आश्चर्य करने वाली है. जिस डीएसपी ने जाति एक रिपोर्ट में कहा कि वीरेंद्र पासवान अनुसूचित जाति के हैं वहीं दूसरी रिपोर्ट में मेयर वीरेंद्र पासवान की जाति को लेकर खारिज किया है. कहा कि शिकायत करने वाले और इस तरह की जांच करने वाले किसी को हार्ट अटैक करवा सकते हैं. ग्लानि करवा सकते हैं. यह किसी भी हद तक जा सकते हैं. फिलहाल उच्च न्यायालय में यह मामला है. हम लोग किसी भी हद तक न्याय के लिए लड़ेंगे. न्याय नहीं मिलेगा तो विधानसभा में और लोकसभा में प्रश्न उठाएंगे. यह भी कहा कि राज निर्वाचन आयोग में मेेयर की जाति को लेकर शिकायत करने पर आयोग के द्वारा स्पष्ट कहा गया है, कि बिना एक-एक बिंदु की जांच किए कोई कदम नहीं उठाएंगे.

1984 में पिता को मिला था आर्म्स लाइसेंस, जाति पासवान दिखाया-

मेयर और पूर्व डिप्टी मेयर ने कहा है, कि गणेश पासवान की जाति को लेकर सवाल उठाने वाले लोग ही गलत हैं. ये अपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं और किसी भी हद तक जा सकते हैं. कहा कि 1984 मे बीरेन्द्र कुमार उर्फ गणेश पासवान के पिता के नाम आर्म्स लाइसेंस मिला था, जिसमें अनुसूचित जाति पासवान बताया गया है.

मैट्रिक, इंटर का सर्टिफिकेट भी अनुसूचित जाति का है. 1971 में इनके परिवार से जुङे बख्शीश में भी अनुसूचित जाति ही दर्शाया गया है, लेकिन गया के सिटी डीएसपी, थानाध्यक्ष डेल्हा और एक पुलिस पदाधिकारी ने जो जाति को लेकर जांच प्रतिवेदन वरीय अधिकारियों और सरकार को दिया है, वह बिल्कुल गलत है. इसके खिलाफ हम लोग जाएंगे और ठोस कार्रवाई के लिए सरकार वरीय पदाधिकारी और न्यायालय को लिखेंगे. वही, बताया जाता है कि पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय मगध क्षेत्र गया के ज्ञापन 1757 गोपनीय दिनांक के 2023 से प्राप्त निर्देश का आलोक में त्रिस्तरीय टीम का गठन किया गया था, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक पीएन साहू के नेतृत्व में जाति की जांच करने को लेकर 3 सदस्य टीम गठित हुई थी. वहीं, इसमें जो आठ गवाह दिखाए गए हैं, उसमें भी कोई सुदूरवरहती गांव आमस का है तो कोई कहीं और का है.

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