भारत माला परियोजना के तहत कैमूर जिले में बनाये जाने वाले वाराणसी- कोलकत्ता एक्सप्रेसवे के निर्माण में उचित मुआवजा नहीं दिये जाने को लेकर किसान लगातार मंगलवार को 30वें दिन धरना पर बैठे रहें। धरना की अध्यक्षता किसान संघ मोर्चा के जिलाध्यक्ष विमलेश पांडेय व संचालन पशुपति सिंह ने किया। इस दौरान उन्होने कहा कि अकोढी, खरिगांई, नरजू, केतही आदि मौजा में सरकार द्वारा एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर अर्जित की गयी है। लेकिन व्यवसायिक प्लाटों को कृषि योग्य बता कर सरकार 10 वर्ष के पुराने सर्किल रेट पर मात्र 17 हजार रुपये डिसमिल के दर से मुआवजा दे रही है। जबकि अर्जित की गयी भूमि का स्वरूप व्यवासियक है। हमारी जमीन छीनी जा रही है। आक्रोशित किसानों का कहना था कि सरकार एवं एनएचआई मिलकर किसानों के भूमि को अधिकृत कर रही है। लेकिन उचित मुआवजा नहीं दे रही है। किसानों ने बताया कि यह दोनों मुआवजे की राह में रोड खड़ा कर रहे हैं। किसानों ने उचित मुआवजा को लेकर अब एनएचआई के द्वारा किए जा रहे कार्य को रुकवा दिया है। जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलेगा उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।