मोतिहारी से 2025 का चुनावी बिगुल: पीएम मोदी की 7196 करोड़ की सौगातों के साथ बिहार मिशन का आगाज़…

Jyoti Sinha

मोतिहारी, 18 जुलाई — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार आगमन केवल एक विकास यात्रा नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों का औपचारिक शंखनाद माना जा रहा है। मोतिहारी की धरती से पीएम मोदी 7196 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे, जिससे साफ संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी 2025 के चुनावी रण में पूरी तैयारी के साथ उतर चुकी है।

गरीब कल्याण से लेकर गृह प्रवेश तक

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 40,000 लाभार्थियों को 162 करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी। साथ ही 12,000 परिवारों को नवनिर्मित घरों की चाबी सौंपी जाएगी। मंच से पांच लाभार्थियों को स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा प्रतीकात्मक चाभी सौंपे जाने की योजना है — जो सीधे “गरीब कल्याण” के एजेंडे को राजनीतिक धार देगा।

युवाओं को साधने की टेक्नोलॉजी रणनीति

पटना और दरभंगा में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स (STPI) का उद्घाटन कर पीएम मोदी तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे। यह युवाओं को रोजगार और अवसर से जोड़ने के साथ-साथ बीजेपी के लिए भावी मतदाता आधार को मजबूत करने की कोशिश होगी।

रेल विकास से पूर्वांचल और सीमांचल में पैठ

दरभंगा-नरकटियागंज दोहरीकरण, गोरखपुर कैंट-छपरा सिग्नलिंग सुधार, और भटनी-छपरा ट्रैक्शन सिस्टम अपग्रेडेशन की आधारशिला रखकर पीएम पूर्वी बिहार के रेल नेटवर्क को नया आयाम देंगे। साथ ही पाटलिपुत्र में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव हेतु बुनियादी ढांचे की शुरुआत “मोदी ब्रांड रेल विकास” को और मजबूती देगी।

ग्रामीण महिलाएं और सड़क कनेक्टिविटी बनेगी चुनावी ताकत

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी — एक ऐसा कदम जो महिला सशक्तिकरण के जरिए ग्रामीण इलाकों में राजनीतिक पैठ बढ़ाने में सहायक होगा।

वहीं, एनएच-319 पर असनी-बामपाली आरा बाइपास (138 करोड़ रुपये) और पररिया-मोहनियां चार लेन सड़क (828 करोड़ रुपये) जैसी परियोजनाएं कनेक्टिविटी को मजबूती देने के साथ-साथ वोटों तक पहुंच बनाने का आधार बनेंगी।

राजनीतिक संदेश स्पष्ट — चुनावी रण तैयार है

मोदी का यह दौरा सिर्फ विकास योजनाओं की झड़ी नहीं, बल्कि हर योजना के पीछे गहरी चुनावी रणनीति छिपी है। हर चाभी, हर सड़क, हर ट्रेन और हर मंच — 2025 के चुनावी मैदान का रोडमैप तैयार कर रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता इस बड़े चुनावी संदेश को किस रूप में स्वीकार करती है।

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