मुजफ्फरपुर में अब मरीजों को प्रिसक्रिप्शन का टेंशन नहीं…हाईटेक आई कार्ड के जरिए ही होगा इलाज

NEWSPR डेस्क। बिहार का पहला जिला मुजफ्फरपुर बनने जा रहा है, जहां अब अस्पतालों में आने वाले मरीजों को पर्ची के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। पर्ची के बदले उनको यूनिक हेल्थ आइडी कार्ड मिलेंगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। राज्य मुख्यालय ने मुजफ्फरपुर को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित किया है। सिविल सर्जन से पूरे जिले के इलाज की सुविधा का फीडबैक लिया है। योजना को जमीन पर उतारने के लिए अगले सप्ताह से चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सिविल सर्जन ने दी जानकारी
सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि अब नई व्यवस्था के बाद मरीजों का कार्ड भी बनाया जायेगा। सीएस डा.शर्मा ने कहा कि सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले सभी मरीजों को यूनिक आइडी नंबर मिलेगा। इसके आधार पर वह देश के किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करा सकेंगे। उन्हें इलाज से जुड़े अपने रिपोर्ट संभालने और दूसरे अस्पतालों में ले जाने की जरूरत नहीं होगी। इलाज करने वाले चिकित्सक आईडी से ये जान सकेंगे कि मरीज को पहले कौन सी बीमारी रही है। क्या इलाज किया गया। इसकी शुरुआत सदर अस्पताल से होगी। उसके बाद धीरे-धीरे पीएचसी और सबसेंटर भी जुड़ेंगे।

यूनिक हेल्थ कार्ड बनेगा
मरीजों को नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत ये यूनिक डिजिटल हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। जो बिल्कुल आधार कार्ड की तरह होगा। जिसका नंबर 14 अंकों का होगा। इसे विशेष तकनीक के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसे मरीज आधार कार्ड के जरिए भी बना सकेंगे। ये कार्ड सिर्फ मोबाइल नंबर फीड कर भी बनाया जा सकेगा। इसके लिए पैन कार्ड और पारिवारिक पहचान पत्र को देना होगा। उसके बाद यूनिक हेल्थ आईडी कार्ड तैयार किया जाएगा।

यूनिक नंबर के फायदे
यूनिक हेल्थ आईडी होने से मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। मरीजों को प्रिसक्रिप्शन लेकर नहीं दौड़ना होगा। चिकित्सक उक्त नंबर के आधार पर मरीज को देखेंगे। इलाज के बाद कंप्यूटर पर ही दवा लिखेंगे। इंटरनल सर्वर के माध्यम से दवा की पर्ची मेडिसिन काउंटर पर पहुंच जाएगी। वहां जब मरीज पहुंचेगा तो उक्त नंबर के आधार पर उसे दवा उपलब्ध करा दी जाएगी। इससे मरीज को एक बार निबंधन कराने के बाद बार-बार पर्ची कटाने से मुक्ति मिलेगी। पुराने मरीज को अपनी रोग हिस्ट्री बताने की जरूरत नहीं होगी। इससे समय की बचत और विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज कराने में सहूलियत होगी। दूसरी बार दिखाने वाले मरीजों की भीड़ निबंधन काउंटर पर नहीं लगेगी।

In Muzaffarpurpatients no longer have the tension of prescriptiontreatment will be done only through hi-tech eye card