बिहार अब तेजी से फिल्म निर्माण का नया केंद्र बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की पहल पर लागू की गई फिल्म प्रोत्साहन नीति 2024 के तहत राज्य की ऐतिहासिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर रही है। गंगा किनारे बसे शहरों से लेकर गांवों की खूबसूरती तक, बिहार देश-विदेश के फिल्ममेकर्स के लिए एक बेहतरीन शूटिंग लोकेशन बन रहा है।19 जुलाई 2024 को लागू की गई इस नीति का क्रियान्वयन बिहार फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड को सौंपा गया है। तब से अब तक 11 फिल्मों को न सिर्फ शूटिंग की अनुमति मिली है, बल्कि आवश्यक सुविधाएं और पुलिस सुरक्षा भी प्रदान की गई है।
इनमें एक वेब सीरीज और एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी शामिल हैं। ये फिल्में हिंदी, भोजपुरी, मैथिली और अंग्रेजी भाषा में बनाई जा रही हैं, जिनमें से कई का फिल्मांकन पूरा हो चुका है।सुपरहिट फिल्मों गजनी, सिकंदर और दरबार के निर्देशक एआर मुरुगादॉस इन दिनों अपनी आगामी फिल्म मद्रासी की शूटिंग बिहार में कर रहे हैं। वहीं, ओह माय गॉड 2 के निर्देशक अमित राय की अगली फिल्म ओह माय डॉग की शूटिंग भी बिहार के कई इलाकों में चल रही है, जिसमें पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, फिल्म निर्माता सागर श्रीवास्तव की एक बड़ी फिल्म के लिए वाल्मीकि नगर में विशाल सेट तैयार किया जा रहा है।फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार चार करोड़ रुपये तक की आर्थिक सहायता दे रही है, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। यह राशि उन फिल्मों को दी जाएगी, जिनका 75 प्रतिशत हिस्सा बिहार में फिल्माया गया हो। इसी नीति के तहत बनी भोजपुरी फिल्म संघतिया, जिसे निर्माता विनीत झा और निर्देशक अभिषेक चौहान ने बनाया है, सेंसर बोर्ड की प्रक्रिया में है। माना जा रहा है कि यह फिल्म इस नीति के तहत सब्सिडी पाने वाली पहली फिल्म होगी।बिहार सरकार की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में राज्य न केवल ऐतिहासिक पर्यटन का केंद्र रहेगा, बल्कि फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण पहचान बनाएगा।