बिहार इन दिनों दोहरी मार झेल रहा है। एक तरफ कोरोना का काहर जारी है। तो दूसरी तरफ बिहार में बाढ़ का प्रकोप हर दिन बढ़ता जा रहा है। बता दें कि बाढ़ ने राज्य के 14 जिलों के 112 प्रखंडों की 1043 पंचायतों की 49 लाख 50 हजार आबादी को प्रभावित किया है। इसकी जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रडु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित एक लाख 94 हजार परिवारों के खाते में छह-छह हजार की सहायता राशि भेज दी गई है। भुगतान की गई कुल राशि 116 करोड़ है। शेष प्रभावित परिवारों के खाते में भी शीघ्र ही राशि भेज दी जाएगी। राज्य के विभिन्न जिलों में 1340 सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन करीब नौ लाख लोग भोजन कर रहे हैं।
इस बीच खबर आ रही है कि दरभंगा के केवटी प्रखंड में बागमती नदी का पूर्वी तटबंध का पानी गांव में फैलने लगा है। तटबंध टूटने की सूचना पर दर्जनों लोग इसके बचाव में लग गये़ ग्रामीणों ने बताया कि नदी से पानी निकलना बंद नहीं हुआ, तो बिरने गांव पानी में डूब जायेगा। साथ ही यह पानी हरपुर, शीशो पूर्वी, करकौली होते हुए बाजार समिति शिवधारा तक फैल जायेगा। हालांकि,शनिवार देर शाम इस तटबंध की मरम्मत करने में ग्रामीण सफल हो गये। बांस-बल्ला के साथ मिट्टी भरी बोरी डाल गांव में फैलते पानी को रोक दिया, लेकिन जिन गांवों में पानी पसर गया है़।
वहीं राज्य के विभिन्न जिलों में 19 राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं, जहां पर 27 हजार लोगों को रखा गया है और उन्हें जरूरी सामान मुहैया काराए जा रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित जिलों में सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सीवान और मधुबनी शामिल हैं।