बिहार सरकार ने बेतिया राज की संपत्ति से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य विधानमंडल में मंगलवार को एक विधेयक पेश किया गया, जो ध्वनि मत से पारित हो गया। इस विधेयक के तहत बेतिया राज की 15,358 एकड़ भूमि, जो बिहार और उत्तर प्रदेश में फैली है, अब बिहार सरकार के अधिकार क्षेत्र में आ जाएगी।
बेतिया राज की संपत्ति:यह संपत्ति पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण समेत यूपी के गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, इलाहाबाद, बनारस आदि जिलों में स्थित है।13 दिसंबर 2023 तक संकलित आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम चंपारण की 66% और पूर्वी चंपारण की 60% भूमि अतिक्रमण के तहत थी।
‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ का प्रबंधन:अंग्रेजी शासनकाल से इन जमीनों का प्रबंधन राजस्व बोर्ड के ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ द्वारा किया जा रहा था।बेतिया राज की अंतिम रानी के संतान न होने के कारण अंग्रेजों ने इसे सरकारी संरक्षण में ले लिया।
भू माफिया और अतिक्रमण पर सख्ती:बिल पारित होने के बाद कोर्ट में दायर मामलों का स्वतः निपटारा होगा, और जमीन से अतिक्रमण हटाया जाएगा।इन जमीनों का उपयोग मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज समेत अन्य संस्थानों की स्थापना के लिए किया जाएगा।
रिहायशी क्षेत्र के लिए राहत:रिहायशी क्षेत्रों में रहने वालों को समाहर्ता अधिकारी के समक्ष अपने दावे पेश करने का मौका दिया जाएगा।इस प्रक्रिया को दो महीने के भीतर पूरा किया जाएगा।इस विधेयक का उद्देश्य बेतिया राज की ऐतिहासिक संपत्ति को भू-माफियाओं और अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराना और इसे राज्य के विकास के लिए उपयोग करना है।