लातेहार में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए 5 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली सबजोनल कमांडर मनीष यादव उर्फ मनीष जी का आज शव गया स्थित उनके पैतृक गांव डुमरिया थाना क्षेत्र के छकरबंधा गांव पहुंचा, गांव में शव पहुंचते ही भारी संख्या में ग्रामीण भी उनके शव देखने के लिए पहुंचे थे, वही उनकी पत्नी का रो रो का बुरा हाल हो गया था वही उनका अंतिम संस्कार गांव के ही पास एक बधार में किया गया.. जहां उनके 5 वर्षीय पुत्र द्वारा मुखाग्नि दिया गया, मारे गए नक्सली पर बिहार/ झारखंड में 40 से ज्यादा मामले दर्ज थे और उन पर 5 लाख का इनाम घोषित था। कुख्यात नक्सली का मुठभेड़ लातेहार जिले के नेतरहाट थाना के चोरहा जंगल में 25 मई को हुआ था। बताया जाता है कि नक्सली नीरज यादव 2013 में नक्सली संगठन से जुड़े थे और वह नक्सली से जुड़ने से पहले अपने किसी भी परिवार से सलाह भी नहीं लिए थे.
आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह नक्सली संगठन में जुड़े थे।वही मारे गए नक्सली के चचेरे भाई बताते हैं कि वह शुरू में ही 1 साल पढ़ाई के लिए बाहर भी गए, आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पढ़ाई बंद हो गई और फिर कमाने की खोज में चले गए लेकिन उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिला जिसके बाद वह 2013 में वापस अपने घर पहुंचा और नक्सली संगठन में चले गए। उनके भाई बताते हैं कि पुलिस को गुप्त सूचना देने वाले उनके ही संगठन के कुछ लोग थे जिस संगठन के द्वारा भी उस पर कार्रवाई करें और उसे भी मारे,वही जिला प्रशासन और बिहार सरकार से मांग करते हैं कि उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं और पत्नी है उन्हें सरकार पालन पोषण के लिए कुछ सहायता करे.. साथ ही उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल में नामांकन कराए ताकि दोनों बच्चे भी बाद में उग्रवादी ना बने।