असम में बाढ़ का कहर जारी, 15 जिलों में चार लाख लोग प्रभावित, अब तक 10 की मौत,बिहार पर असर…

Patna Desk

असम में बाढ़ की स्थिति सोमवार को भी चिंताजनक बनी रही। राज्य के कई इलाकों में जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। गुवाहाटी स्थित भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (RMC) ने अगले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई है।

बाढ़ से बढ़ी तबाही, कछार सबसे ज्यादा प्रभावित

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार रात तक कछार और श्रीभूमि जिलों में दो और लोगों की जान चली गई, जिससे राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। कुल 15 जिलों में लगभग चार लाख लोग इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में हैं।

सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में कछार शीर्ष पर है, जहां एक लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके बाद श्रीभूमि में लगभग 85,000 और नागांव में करीब 62,000 लोग प्रभावित हुए हैं।

राहत और बचाव कार्य जारी

प्रशासन ने 12 जिलों में 155 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां इस समय 10,272 विस्थापित लोगों को आश्रय दिया गया है। बीते 24 घंटे में प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों को 1,090 क्विंटल चावल, 284 क्विंटल दाल, 952 क्विंटल नमक और 4,726 लीटर सरसों तेल वितरित किया गया है।

फसलों और अवसंरचना को भारी नुकसान

ASDMA के अनुसार अब तक 764 गांव जलमग्न हो चुके हैं और लगभग 3,524 हेक्टेयर फसल क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया है। इसके अलावा कई तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य सार्वजनिक संरचनाएं भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।

नदियों का रौद्र रूप

राज्य की प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं। ब्रह्मपुत्र नदी डिब्रूगढ़ और निमाटीघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा धनसिरी नदी (नुमालीगढ़), कोपिली (कामपुर), बराक नदी (बदरपुर घाट), कुशियारा और कटाखल (श्रीभूमि व मतिजुरी) में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।

बिहार और बंगाल पर असर की संभावना कम

मौसम विभाग के अनुसार, असम की नदियों का बिहार की बाढ़ से कोई सीधा संबंध नहीं है, इसलिए बिहार को लेकर चिंता की जरूरत नहीं है। हालांकि पश्चिम बंगाल में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के बहाव का आंशिक प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

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