मोतिहारी बिहार का शिक्षा विभाग अपने काम को लेकर हमेशा चर्चा रहा है। इसबार तो हद हो गई है। जबसे मोतिहारी में स्कूल की जमीन बिक्री का मामला सामने आया है। दो-दो सरकारी स्कूल का भवन सहित जमीन बेच दी गई। इस मामले में जांच अधिकारी ने भू माफिया और सीओ कार्यालय को दोषी बताया है। बिहार विधानसभा में खुद बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने इस मुद्दा को उठाया, इसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है।मामला ढाका प्रखंड के फुलवारिया और पचपकड़ी का है। फुलवरिया गांव स्थित जिस सरकारी विद्यालय को जमीन समेत बेच दिया गया। उस जमीन को फुलवरिया की बासमति चौधुर ने वर्ष 1942 में विद्यालय की स्थापना के लिए मौखिक रुप से 11 कट्ठा 12 धुर जमीन दान में दी थी। इस जमीन पर विद्यालय की स्थापना हुई. लेकिन इस जमीन को बासमति चौधुर के वंशज शशिभूषण प्रसाद ने अपनी पत्नी को 2019 में जमीन को बेच दिया।हैरानी की बात है कि ढाका सीओ ने उस जमीन का दाखिल खारिज कर जमाबंदी भी कायम कर दिया।
जबकि उस जमीन पर बने विद्यालय को वर्ष 2021 में उच्चरतर माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित कर दिया गया। अब सवाल उठता है कि जब 2019 में जमीन की बिक्री हो चुकी थी तो शिक्षा विभाग ने बिना जांच जमीन पर स्कूल भवन का निर्माण कैसे करा दिया। इस मामले में एडीम मुकेश सिंहा ने जांच रिपोर्ट में निबंधन कार्यालय और अंचल कार्यालय द्वारा गलती करने की बात लिखी है।दूसरा मामला ढ़ाका प्रखंड के ही पचपकड़ी गांव स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है। इस जमीन को भी विद्यालय समेत बेच दिया गया है। विजय राय नाम के एक व्यक्ति ने खरीदी है। इसकी जानकारी मिलने पर विधायक पवन जायसवाल ने डीएम को एक पत्र लिखा। इस कारण उसका दाखिल खारिज नहीं हो सका। इसके बाद दोनों विद्यालय से संबंधित मामला बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने विधानसभा में उठाया। भूमि और राजस्व मंत्री ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।जिस जमीन को पूर्वजों ने दान में दिया है उसी जमीन को बेच दिया गया। सबसे बड़ी बात है कि उसका दाखिल खारिज भी सीओ कार्यालय से हो गया। इस मामले में संबंधित अंचलधिकारी, कर्मचारी, क्रेता और विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि इस तरह के कार्य करने वाले लोग दोबारा दुःसाहस नहीं कर सके।