NEWS PR DESK- हिन्दू पंचांग का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। पंचांग शब्द का अर्थ है , पांच अंगो वाला। पंचांग में समय गणना के पांच अंग हैं- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण।
03 जुलाई, गुरुवार, शक संवत्: 12, आषाढ़ सौर शक 1947, पंजाब पंचांग: 19, आषाढ़ मास प्रविष्टे 2082। इस्लाम: 07, मुहर्रम, 1447, विक्रमी संवत आषाढ़ शुक्ल अष्टमी दोपहर 02.07 मिनट तक। हस्त नक्षत्र दोपहर 01.51 मिनट तक पश्चात् चित्रा नक्षत्र।
परिघ योग सायं 06.36 मिनट तक, पश्चात् शिव योग। चन्द्रमा कन्या राशि में रात्रि 03.19 मिनट तक, उपरांत तुला राशि। सूर्य दक्षिणायन। सूर्य उत्तर गोल। वर्षा ऋतु। दोपहर 01.30 मिनट से अपराह्न 03 बजे तक राहुकालम्। श्री दुर्गाष्टमी।
विजय मुहूर्त 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
गोधूलि मुहूर्त 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 07:23 पी एम से 08:24 पी एम
अमृत काल 07:09 ए एम से 08:56 ए एम
निशिता मुहूर्त 12:05 ए एम, जुलाई 04 से 12:46 ए एम, जुलाई 04
रवि योग 01:50 पी एम से 05:28 ए एम, जुलाई 04
आज के अशुभ मुहूर्त
राहुकाल 02:10 पी एम से 03:54 पी एम
यमगण्ड 05:28 ए एम से 07:12 ए एम
आडल योग 01:50 पी एम से 05:28 ए एम, जुलाई 04
दुर्मुहूर्त 10:06 ए एम से 11:02 ए एम
गुलिक काल 08:57 ए एम से 10:41 ए एम 03:40 पी एम से 04:36 पी एम
वर्ज्य 10:50 पी एम से 12:38 ए एम, जुलाई 04
बाण रोग – 03:35 ए एम, जुलाई 04 तक