मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ पे तो महादेव के भक्तों के अब तक कई रूप देखने को मिले । पर उसमें से अब तक का सबसे अलग रूप उस समय देखने को मिला जब कुछ कांवरियों की टोली के द्वारा उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम का विशाल लगभग 200 किलो वजनी प्रतिरूप को एक ट्रॉली पर सेट कर उसे खींचते हुए बाबाधाम कि और जा रहे थे । वहीं बाबाधाम जा रहे अन्य कांवरिया एक तो बाबाधाम के दर्शन करेंगे ही अब एक पथ पर उन्हें दो दो धामों के दर्शन हो गए जिससे वे बाबा के भक्ति में और डूबे नजर आए । जानकारी के अनुसार झारखंड के चायवासा से आए नीलकंठ समिति के 17 कांवरियों के मंडली के द्वारा इतना विशाल और भारी केदारनाथ धामा का प्रतिरूप ले जाया जा रहा है ।
टोली के कांवरियों ने बताया कि पिछले छः सालों से वे लोग हर बार विभिन्न धामों के प्रतिरूप को ले बाबाधाम जाते है इस बार वे केदारनाथ धामा के प्रतिरूप को ले जा रहे है । जिसे बनाने में 40 से 45 दिन लगा है । और यह करीब 200 किलो वजनी है । ये पूरा धाम को एक टाली पर सेट किया गया है जिसके नीचे चक्के लगे हुए है । जिसे 17 कांवरियों की टोली के द्वारा बदल बदल का खींचा कर ले जाया जाता है। ये सब करने का उनका एक ही मकसद है कि लोगों हमारे धामों को विषय में जाने और सनातन की शक्ति को पहचाने । साथ ही बताया कि वे लगभग 5 दिनों की यात्रा करने के बाद बाबा धाम देवघर पहुंचेंगे ।