NEWSPR DESK- देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान कोटा है । लेकिन यहां रोज दिन छात्र-छात्राओं की बढ़ती आत्महत्या की घटना ने प्रशासन और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। इस साल के चार महीनों में नौ छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है, साथ ही दो लापता हैं।
पिछले साल 29 छात्र-छात्राओं ने मौत को गले लगा लिया था। जांच में सामने आया कि अधिकांश मामलों में पढ़ाई के दबाव, प्रतिस्पर्धा और अभिभावकों की उम्मीदों के बीच फंसे छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है। साथ ही कोचिंग संस्थानों में पैसा कमाने की लालसा और आपसी प्रतिस्पर्धा में छात्र-छात्राओं को मशीन की तरह 10-12 घंटे तक पढ़ाने को सरकार की जांच कमेटी ने गलत माना है। चार महीने में नौ छात्र-छात्राओं की आत्महत्या से हरकत में प्रशासन हरकत में आया है।
इसी को लेकर पुलिस शख्त हो गई है और कहा है की गाइडलाइन की पालन नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया गया है। हाल ही में जिन हॉस्टल में छात्रों ने खुदकुशी की, उन हॉस्टल को सील कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इनमें एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगा हुआ था।