विजय जुलूस में बजाए जा रहे डीजे को बंद कराने गई पुलिस पर हमला एक सैफ जवान समेत दो घायल

Patna Desk

कैमूर,जिले के भगवानपुर प्रखंड के जैतपुर पंचायत के नौगढ़ गांव में विजय जुलूस में बजाए जा रहे डीजे को बंद कराने गई पुलिस पर भीड़ द्वारा हमला कर दिया गया। जिसमें पुलिस के एक सैफ जवान के साथ-साथ पुलिस के पिटाई से एक युवक घायल हो गया। घायल सैफ जवान शोएब मलिक तथा घायल युवक भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नौगढ़ गांव निवासी संजय सिंह का पुत्र मनीष कुमार है। यह घटना भगवानपुर थाना क्षेत्र के नौगढ़ गांव की है। मिली जानकारी के अनुसार इस घटना के संबंध में सूत्रों ने बताया कि बीते 4 दिसंबर को पैक्स चुनाव 2024 का परिणाम आया था। जिसमें जैतपुर कला पंचायत से रामाश्रय सिंह को पैक्स अध्यक्ष पद पर निर्वाचित घोषित किया गया था। जिसको लेकर बीते गुरुवार की देर शाम विजय जुलूस डीजे बजाने के साथ नौगढ़ गांव में पहुंचा था।

इस दौरान किसी व्यक्ति ने पुलिस को फोन के माध्यम से यह सूचना दे दिया कि यहां डीजे जुलूस बजाकर गांव के शांतिपूर्ण माहौल को बिगड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद थानेदार उदय कुमार के नेतृत्व में भगवानपुर पुलिस की टीम नौगढ़ गांव में पहुंचकर डीजे को बंद कराने लगी, जिसका जुलूस में शामिल लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस ने जब डीजे को बंद कराने के लिए हल्का-फुल्का बल प्रयोग किया तो जूलूस में शामिल लोगों ने पुलिस पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। यहां तक की पुलिस के बताए अनुसार जुलूस में शामिल लोगों द्वारा पुलिस के साथ गाली-गलौज करने के साथ-साथ उनके पास पड़े सरकारी आर्म्स को भी छीनने की कोशिश की गई। इस घटना में शोएब मलिक नाम के एक सैफ के जवान के साथ-साथ जुलूस में शामिल मनीष कुमार नामक एक युवक भी घायल हो गया। जुलूस में शामिल लोगों के उग्र रूप को देख पुलिस घटनास्थल से किसी तरह भाग निकलने में हीं खुद की गुंजाइश समझी और दलबल के साथ वहां से भाग खड़ी हुई। वहीं इस घटना की जानकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को भगवानपुर पुलिस द्वारा दी गई। इसके बाद एसडीपीओ शिव शंकर कुमार के नेतृत्व में करीब आधा दर्जन सरकारी वाहनों के माध्यम से कई पुलिस पदाधिकारी व बिहार पुलिस के जवानों के साथ-साथ दंगा निरोधक दस्ता की टीम घटनास्थल पर पहुंची तथा उसके आसपास के घरों में छापेमारी करते हुए कुल पांच लोगों को गिरफ्तार कर थाने ले आई। वहीं पूछताछ के माध्यम से मारपीट की घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों को चिन्हित करने के प्रयास में जुट गई। जहां एक तरफ घायल सैफ जवान तथा जूलूस में शामिल घायल युवक को सदर अस्पताल में भिजवा कर उनके इलाज करने की प्रक्रिया शुरू करवाई गई, वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने कुल 14 लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है, वहीं करीब दो दर्जन से अधिक अज्ञात लोगों के भी विरुद्ध पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया है।

कुल 14 नामजद अभियुक्तों में से पुलिस ने जिन पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है। उनमें भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बखारबांध गांव निवासी रामनिवास सिंह के 22 वर्षीय पुत्र अर्जुन सिंह के साथ-साथ नौगढ़ गांव निवासी वीरेंद्र सिंह के 19 वर्षीय पुत्र अंकित कुमार, वैद्यनाथ सिंह के 45 वर्षीय पुत्र दामोदर सिंह, कुंवारी सिंह के पुत्र संजय सिंह तथा संजय सिंह के पुत्र मनीष कुमार (पुलिस पर हमले के दौरान मारपीट में घायल) का नाम शामिल है। वहीं शेष नौ अभियुक्तों के गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी में जुटी हुई है। इधर नौगढ़ गांव के लोगों का भी पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है।

नौगढ़ गांव निवासी विजयंती देवी पति वीरेंद्र सिंह ने बताया कि विजय जुलूस के दौरान जब डीजे बज रहा था, तो वहां पहुंची पुलिस डीजे नहीं बजाने की बात कहने के बजाए सबसे पहले मारना पीटना हीं शुरू कर दिया। जिसका विरोध करने पर हीं बात आगे बढ़ी और पुलिस व डीजे बजा रहे लोगों के बीच मारपीट की घटना हो गई। विजयंती देवी ने बताया कि पुलिस के डंडे से मैं भी घायल हो गई हूं, इस दौरान उसने मीडिया को अपना जख्मी हुआ हाथ भी दिखाया। उसने बताया कि जब घटनास्थल पर काफी संख्या में दलबल के साथ दोबारा पुलिस पहुंची, तो सर्वप्रथम उनके द्वारा मेरे तथा मेरे अगल-बगल के घरों के दरवाजे को जोर-जोर से धक्का मार कर खोलने की कोशिश की गई। मेरी पड़ोसन संगीता देवी‌ ने डर के मारे दरवाजा खोल दिया, इस बीच पुलिस उनके घर में पहुची तथा घर के आंगन में पड़े लाठी, कुल्हाड़ी व लोहे की रामी (खनती) उठा ली तथा इन्हीं घरेलू उपकरणों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए एक दूसरे से सटे हुए करीब आधा दर्जन घरों के दरवाजों को जबरदस्ती तोड़ने की कोशिश की गई। इस दौरान नीला कुंवर पति स्वर्गीय राम जी सिंह के काठ के दरवाजे को पुलिस द्वारा आसानी से तोड़ दिया गया, वहीं मारपीट के अभियुक्त वीरेंद्र सिंह के लोहे के दरवाजे की किल्ली तोड़ते हुए पुलिस उनके घर में भी समा गई। जबकि करीब 1 घंटे प्रयास के बावजूद भी अमित सिंह पिता अनिल सिंह का लोहे का विशाल दरवाजे को तोड़ने में पुलिस असफल रही। विमला देवी पति सुरेंद्र सिंह व पिंकी कुमारी पिता स्वर्गीय अवधेश सिंह ने बताया कि पुलिस की इस तरह की अवैधानिक करतूत को देखकर सोए हुए छोटे-छोटे बच्चे डर के मारे रोने लगे, वहीं आसपास के कई घरों के लोग पूरी तरह से सहम गए। उक्त महिलाओं के आरोप के मुताबिक दरवाजा तोड़ने के बाद पुलिस कुछ घरों के छत पर भी चढ़ गई थी और आसपास के छत पर खड़ी महिलाओं को अश्लील गालियां भी उनके द्वारा दी जा रही थी। महिलाओं ने बताया कि हमारे मोहल्ले के बहुत घरों के बेकसूर पुरुष पुलिस के भय से गांव छोड़कर भाग गए हैं। जिनका की इस घटना से कोई लेना देना नहीं है। जिसके वजह से धान के फसल कटनी की कटाई भी प्रभावित हो रही है।

जिन घरों के दरवाजों को पुलिस द्वारा तोड़ दिया गया या फिर तोड़ने की कोशिश की गई, उन घरों में शुक्रवार की दोपहर तक खाना भी नहीं पक पाया था, वहीं बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल भी नहीं गए। पुलिस के इस कार्रवाई से भयभीत उक्त महिलाओं ने बताया कि हमारे पड़ोसी अरविंद सिंह की लड़की का शादी आगामी 10 दिसंबर को होनी है, मगर पुलिस के खौफ से घर के सारे पुरुष घर को छोड़कर भाग गए। अब यह पता नहीं चल पा रहा है कि उनकी बिटिया की शादी कैसे होगी ? *क्या कहते हैं एसडीपीओ भभुआ*भभुआ एसडीपीओ शिव शंकर कुमार ने बताया कि पुलिस ने किसी का दरवाजा नहीं तोड़ा है, बल्कि चुनाव के रिजल्ट को लेकर आपस में दो पक्ष लड़े हुए थें, हो सकता है कि आपसी लड़ाई में ही उन लोगों का दरवाजा टूटा हो। दरवाजा तोड़ने वाला आरोप पूरी तरह से गलत है।

क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक-

कैमूर पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा से पूछने पर बताया कि यदि पुलिस द्वारा मारपीट करने तथा दरवाजा तोड़ने का आरोप लगाने वाले लोग लिखित आवेदन देते हैं, तो निश्चित रूप से जांच करवाई जाएगी।

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